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Hindi

‘आशुफ़्ता’ चंगेज़ी की रचनाएँ

अजब रंग आँखों में आने लगे  अजब रंग आँखों में आने लगे हमें रास्ते फिर बुलाने लगे इक अफ़वाह गर्दिश में है इन दिनों के… Read More »‘आशुफ़्ता’ चंगेज़ी की रचनाएँ

आशुतोष सिंह ‘साक्षी’ की रचनाएँ

काश! मैं कुत्ता होती जाड़े में सिमटी हुई, ठंड से ठिठुरती हुई, चिथड़ों में लिपटी हुई, नंगे पाँव फर्श पर बैठी एक बुढ़िया॥ सामने थाली… Read More »आशुतोष सिंह ‘साक्षी’ की रचनाएँ

आशुतोष द्विवेदी की रचनाएँ

सरस्वती-वंदना कमलासना, हे सौम्यरूपा, रुचिर-वीणा-वादिनी । माला-स्फटिक-शुभ-शोभिता, परमेश्वरी, आल्हादिनी । केकी-विहारिणि, हंस-वाहिनि, हस्त-पुस्तक-धारिणी । नत शीष बार अनेक, मातु सरस्वती, उद्धारिणी । वागीश्वरी, वरदायिनी, विद्या-कला-बुद्धि-प्रदा… Read More »आशुतोष द्विवेदी की रचनाएँ

आशुतोष दुबे की रचनाएँ

देखने वालों के दो हिस्से हो जाते हैं  यह नदी दोनों तरफ़ बह रही है तुम जिस तरफ़ देखते रहोगे बह जाओगे उसी तरफ़ देखते… Read More »आशुतोष दुबे की रचनाएँ

शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की रचनाएँ

प्रथमपतिगृहानुभवम् प्रथमपतिगृहानुभवम् हे सखि पतिगृहगमनं प्रथमसुखदमपि किंत्वतिक्लिष्टं री। परितो नूतन वातावरणे वासम् कार्यविशिष्टं री।। वदने सति अवरुद्धति कण्ठं दिवसे अवगुण्ठनमाकण्ठं। केवलमार्य त्यक्त्वा तत्र किंञ्चिदपि मया… Read More »शास्त्री नित्यगोपाल कटारे की रचनाएँ

शार्दुला नोगजा की रचनाएँ

तेरे बिना सच कहूँ तेरे बिना ठंडे तवे सी ज़िंदगानी और मन भूखा सा बच्चा एक रोटी ढूँढता है चाँद आधा, आधे नंबर पा के… Read More »शार्दुला नोगजा की रचनाएँ

शारिक़ कैफ़ी की रचनाएँ

इक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हम ने  इक दिन ख़ुद को अपने पास बिठाया हम ने पहले यार बनाया फिर समझाया हम ने… Read More »शारिक़ कैफ़ी की रचनाएँ

शारदा सिंह की रचनाएँ

मेरा जीवन मेरा जीवन अनंत संघर्ष-गाथा के विम्बों को समेटते शुरू हुआ था गुड्डे-गुड्डी की कहानियों से शुरू होकर यवनी राजकुमार के घोड़े पर सवार… Read More »शारदा सिंह की रचनाएँ

शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ

ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुना ऐ दिल अब और कोई क़िस्सा-ए-दुनिया न सुनाछेड़ दे ज़िक्र-ए-वफ़ा हाँ कोई अफ़्साना सुना ग़ीबत-ए-दहर बहुत गोश-ए-गुनहगार… Read More »शान-उल-हक़ हक़्क़ी की रचनाएँ

शाद आरफ़ी की रचनाएँ

अहद-ए-मायूसी जहाँ तक साज़गार आता गया अहद-ए-मायूसी जहाँ तक साज़गार आता गया अपने-आप में दिल-ए-बे-इख़्तियार आता गया कुछ सुकूँ कुछ ज़ब्त कुछ रंग-ए-करार आता गया… Read More »शाद आरफ़ी की रचनाएँ