कौशल्या गुप्ता की रचनाएँ
वह छुअन अनेकों ही छवि-चित्र लय और गीत, कथा-कहानी, समायी हैं चहुँ ओर। जतन जुटाते हैं लाखों पकड़ने को अपनी-अपनी विध से। पकड़ में तो… Read More »कौशल्या गुप्ता की रचनाएँ
वह छुअन अनेकों ही छवि-चित्र लय और गीत, कथा-कहानी, समायी हैं चहुँ ओर। जतन जुटाते हैं लाखों पकड़ने को अपनी-अपनी विध से। पकड़ में तो… Read More »कौशल्या गुप्ता की रचनाएँ
नई शुरुआत यह कविता मई 1974 की रेल हड़ताल के दौरान लिखी गई थी दादी सुना नहीं तुमने बाबूजी हड़ताल पर हैं कन्धे पर यूनियन… Read More »कौशल किशोर की रचनाएँ
इब्राहीम दीदा मुख़ातिब आसमाँ है या ज़मीं मालूम कर लेना कि दोनों के लिए तश्बीब के मिसरे अलग से हैं कहीं ऐसा न हो कि… Read More »वहाब दानिश की रचनाएँ
आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे ये मयस्सर हो तो फिर क्यूँ कोई… Read More »‘वहशत’ रज़ा अली कलकत्वी
बरसों के रत-जगों की थकन खा गई मुझे बरसों के रत-जगों की थकन खा गई मुझे सूरज निकल रहा था के नींद आ गई मुझे… Read More »‘क़ैसर’-उल जाफ़री की रचनाएँ
आतिश-ए-सोज़-ए-मोहब्बत को बुझा सकता हूँ मैं आतिश-ए-सोज़-ए-मोहब्बत को बुझा सकता हूँ मैं दीदा-ए-पुर-नम से इक दरिया बहा सकता हूँ मैं हुस्न-ए-बे-परवा तेरा बस इक इशारा… Read More »‘क़ैसर’ निज़ामी की रचनाएँ
ऐसा कुछ भी नहीं ऐसा कुछ भी नहीं जिंदगी में कि हर जानेवाली अर्थी पर रोया जाए | काँटों बीच उगी डाली पर कल जागी… Read More »कैलाश वाजपेयी की रचनाएँ
बेदाग़ चाँद तुम कहते थे मुझे चाँद, बेदाग़ चाँद पहलू में रखते थे सजा, छिपा हरदम फिर एक दिन चाँद को चुरा सरेराह कर दिया… Read More »वसुधा कनुप्रिया की रचनाएँ
वह चेहरा आज फिर दिखीं वे आँखें किसी और माथे के नीचे वैसी ही गहरी काली उदास फिर कहीं दिखे वे सांवले होंठ अपनी ख़ामोशी… Read More »कुलदीप कुमार की रचनाएँ
गुलाब गुलाब को नहीं जानते आप और वह भी आपको नहीं जानता और सच्चाई तो यह है कि मैं भी पूरी तरह नहीं जानता गुलाब… Read More »कैलाश मनहर की रचनाएँ