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October 2020

सुमित्रानंदन पंत की रचनाएँ

प्रथम रश्मि प्रथम रश्मि का आना रंगिणि! तूने कैसे पहचाना? कहाँ, कहाँ हे बाल-विहंगिनि! पाया तूने वह गाना? सोयी थी तू स्वप्न नीड़ में, पंखों… Read More »सुमित्रानंदन पंत की रचनाएँ

सुमित्रा कुमारी सिन्हा की रचनाएँ

पल भर न हुआ जीवन प्यारा!  पल भर न हुआ जीवन प्यारा! पूजा के मंदिर में झाँका, अर्चन की चाहों को आँका, जग ने अपराधिनि… Read More »सुमित्रा कुमारी सिन्हा की रचनाएँ

सुमन बिस्सा की रचनाएँ

चिड़िया के पंख बच्चों ने चिड़िया से पूछा, तुम कैसे उड़ आती हो? नन्ही-सी तो हो पर ऐसे पंख कहाँ से लाती हो? चिड़िया बोली… Read More »सुमन बिस्सा की रचनाएँ

सुमन ढींगरा दुग्गल की रचनाएँ

लुटाते रहने से इल्म ओ लियाक़त कम नहीं होती लुटाते रहने से इल्म ओ लियाक़त कम नहीं होती इज़ाफा और होता है ये दौलत कम… Read More »सुमन ढींगरा दुग्गल की रचनाएँ

सुमन केशरी की रचनाएँ

शब्द और सपने  (1) वह पलकों से सपने उतरने का वक्त था जब मैं उठी और सभी सपनों को बांध मैंने उन्हें जागरण की गठरी… Read More »सुमन केशरी की रचनाएँ

सुभाष शर्मा की रचनाएँ

मेम साहब का कुत्ता किसने काटा ? साहब ने ? — नहीं मेम साहब ने ? — नहीं, तो मेम साहब के कुत्ते ने जरूर काटा होगा ।… Read More »सुभाष शर्मा की रचनाएँ

सुभाष वसिष्ठ की रचनाएँ

पारा कसमसाता है साँस ही मुश्किल नियत आन्दोलनों आबद्ध पारा कसमसाता है धुन्ध के आग़ोश में जकड़ा ठिठुरता गीत अग्नि ले मुस्कराता है हर हवा… Read More »सुभाष वसिष्ठ की रचनाएँ

सुभाष राय की रचनाएँ

भगवान सोने जा रहे धीम…धीम…धित्तान धीम…धीम…धित्तान सधे हुए स्वरों में संगीत गूँज रहा था मन्दिर प्राँगण में वशीकर, मोहक और उत्तेजक स्वत: स्फूर्त भर रहा… Read More »सुभाष राय की रचनाएँ

सुभाष पाण्डेय की रचनाएँ

का चिन्ता के रोग लगाईं? का ना पवनीं ए जिनिगी से जवना खातिर सोग मनाईं? कद काठी मजबूत देह बा का चिन्ता के रोग लगाईं?… Read More »सुभाष पाण्डेय की रचनाएँ

सुभाष पाठक ‘ज़िया’ की रचनाएँ

दिल के रिश्ते दिमाग़ तक पहुँचे दिल के रिश्ते दिमाग़ तक पहुँचे साफ़ चेहरे भी दाग़ तक पहुँचे बाद इसके चराग़ लौ देगा, पहले इक… Read More »सुभाष पाठक ‘ज़िया’ की रचनाएँ