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कल्याण कुमार जैन ‘शशि’ की रचनाएँ

मेरी गुड़िया  मेरी गुड़िया बड़ी सयानी, पढ़कर आई है हल्द्वानी। सूरत से लगती सेठानी, दिनभर सुनती नई कहानी। उसके पीले हाथ करूँगी, अब उसकी शादी… Read More »कल्याण कुमार जैन ‘शशि’ की रचनाएँ

कल्पना ‘मनोरमा’ की रचनाएँ

चिन्मय भोर ढूंढ लायें क्यारियों से एक चिन्मय भोर फिर बाँटें उजाले। चिमनियों ने छितिज से शबनम चुराई रात रोई बुलबुलों ने कंठ मे सरगम… Read More »कल्पना ‘मनोरमा’ की रचनाएँ

कलीम आजिज़ की रचनाएँ

दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो  दिन एक सितम, एक सितम रात करो हो । वो दोस्त हो, दुश्मन को भी जो मात… Read More »कलीम आजिज़ की रचनाएँ

कल्पना सिंह-चिटनिस की रचनाएँ

मेरा शहर  एक सुलगते शहर की लम्बी संकरी गलियां अपनी वही पुरानी बास समोये जिसमे परिवर्तन की चेतना इस कम्प्यूटर और जेट युग में भी… Read More »कल्पना सिंह-चिटनिस की रचनाएँ

क़लंदर बख़्श ‘ज़ुरअत’ की रचनाएँ

गम रो रो के कहता हूँ कुछ उस से अगर अपना गम रो रो के कहता हूँ कुछ उस से अगर अपना तो हँस के… Read More »क़लंदर बख़्श ‘ज़ुरअत’ की रचनाएँ

कर्णसिंह चौहान की रचनाएँ

बल्गारियन लोकगीत को सुनकर  धरती के पाँच सौ वर्ष नीचे से गर्म झरने-सी फूटकर आ रही है यह आवाज़ । कुस्तेंदिल की प्रत्यंचा का तीर… Read More »कर्णसिंह चौहान की रचनाएँ

कर्मानंद आर्य की रचनाएँ

श्मशान बाजार  कोई न कोई खरीद रहा होगा कोई न कोई बेच रहा होगा किसी हरवाहे की मूंठ कहीं न कहीं जल रही होगी सखुए… Read More »कर्मानंद आर्य की रचनाएँ

कर्नल तिलक राज की रचनाएँ

ज़िन्दगी इक किताब है यारो ज़िंदगी इक किताब है यारो हर वरक़ लाजवाब है यारो। पढ़ सको तो पढ़ो मुहब्बत से दिल की उम्दा किताब… Read More »कर्नल तिलक राज की रचनाएँ

कमलेश्वर साहू की रचनाएँ

समाचार वाचिकाएं  खबरों के बाजार में लगभग उत्पाद के समान मौजूद होती हैं वे उनके हिस्से का दुख व अंधेरा दिखाई नहीं देता हमें वे… Read More »कमलेश्वर साहू की रचनाएँ

कमलेश की रचनाएँ

यह कविता नहीं है  एक जंगल के रास्ते पर मैली पगड़ी बाँधे चार काले चेहरे एक बच्चा सात-आठ साल का पीछे-पीछे लाल-लाल गर्द अपने चेहरे… Read More »कमलेश की रचनाएँ