विद्याभूषण की रचनाएँ
आधी रात को आधी रात को शोर जब थक कर निढाल सोता है शहर का अजब हाल होता है। सड़कें सुनसान और गलियाँ वीरान हो… Read More »विद्याभूषण की रचनाएँ
आधी रात को आधी रात को शोर जब थक कर निढाल सोता है शहर का अजब हाल होता है। सड़कें सुनसान और गलियाँ वीरान हो… Read More »विद्याभूषण की रचनाएँ
घूम हाथी, झूम हाथी हाथी झूम-झूम-झूम, हाथी घूम-घूम-घूम! राजा झूमें रानी झूमें, झूमें राजकुमार, घोड़े झूमें फौजें झूमें, झूमें सब दरबार! झूम झूम घूम हाथी,… Read More »विद्याभूषण ‘विभू’की रचनाएँ
एत जप-तप हम की लागि कयलहु एत जप-तप हम की लागि कयलहु, कथि लय कयल नित दान। हमर धिया के इहो वर होयताह, आब नहिं… Read More »विद्यापति ठाकुर की रचनाएँ
बहुत बड़ी हार है दर्द मैं जिला रहा मगर कहूँ कि दर्द ही सिंगार है बहुत बड़ी हार है। प्यार थके प्राणों की पीर नापने… Read More »विद्याधर द्विवेदी ‘विज्ञ’ की रचनाएँ
दर्द पलता रहा दर्द पलता रहा चोट खाते रहे, पर अधर ये मेरे मुस्कराते रहे। मेरी कोशिश अंधेरों से लड़ने की थी, स्नेह भरकर दिये… Read More »विद्या विन्दु सिंह की रचनाएँ
और सुनाओ कैसे हो तुम और सुनाओ कैसे हो तुम । अब तक पहले जैसे हो तुम । अच्छा अब ये तो बतलाओ कैसे अपने… Read More »विज्ञान व्रत की रचनाएँ
एक प्रेम कविता प्यार को भी देखता हूँइन्ही मासूम रंगों मेंतेज़, सुर्ख़, हल्के गुलाबीन हों, न हों, न होंधूप में तपे चेहरे की तरहदेखता हूँ… Read More »विजेन्द्र की रचनाएँ
जरि गइल ख्वाब भाई जी रउरा सासन के ना बड़ुए जवाब भाईजी,रउरा कुरूसी से झरेला गुलाब भाई जी रउरा भोंभा लेके सगरे आवाज करींला,हमरा मुंहवा… Read More »विजेन्द्र अनिल की रचनाएँ
मेरे स्टूडियो की छत पर मेरे स्टूडियो की छत पर एक कोने में, तार से, बल्ब लटका है वहां नीचे, जहाँ मैं बैठता हूँ पढता… Read More »विजेंद्र एस विज की रचनाएँ
दोपहरी सूनापन एक बेहूदा मज़ाक है दोपहर उसे नज़रअंदाज़ कर देना चाहती हूँ लेकिन ये बेरोज़गार सन्नाटा धरना दिए बैठा है और मैं शाम की… Read More »विजया सती की रचनाएँ