कुमार कृष्ण की रचनाएँ
बड़े होते बच्चे बार-बार सोचता हूँ- बच्चे याद करें अपना छोटा सा गाँव याद करें बचपन की शरारतें अपने मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानी बच्चे करें याद-… Read More »कुमार कृष्ण की रचनाएँ
बड़े होते बच्चे बार-बार सोचता हूँ- बच्चे याद करें अपना छोटा सा गाँव याद करें बचपन की शरारतें अपने मम्मी-पापा, दादा-दादी, नाना-नानी बच्चे करें याद-… Read More »कुमार कृष्ण की रचनाएँ
मैं बन जाऊँ तितली इधर घूमती, उधर घूमती इक नन्ही-सी तितली, जाने किसको ढूँढ़ रही है इक नन्ही-सी तितली। कभी चली आती चौखट पर कभी… Read More »श्यामकुमार दास की रचनाएँ
ए हो नेहधर हम नीरधर चातक हैं ए हो नेहधर हम नीरधर चातक हैं , रटनि हमारि घटि है न कहैँ फेरि फेरि । भौँर… Read More »श्याम की रचनाएँ
दुख ज़मीन है दुख ज़मीन है एक बीज-सा जिसमें कुनमुनाता है सुख लहर है दुख अनंत सागर की एक मछली-सा जिसमें डूबता-उतराता है जीवन अंधेरे… Read More »श्याम सुशील की रचनाएँ
डर अचानक एक दिन हुआ ऐसा कि बुद्धू मास्टर का नाम लतीफ मियाँ में तब्दील हुआ उनके सिले कपड़ों से निकलकर आशंका की चोर-सूइयाँ चुभने… Read More »कुमार अनुपम की रचनाएँ
बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है बड़े अदब से जो उसने सलाम भेजा है। ये लग रहा है महब्बत का जाम भेजा है।… Read More »श्याम सुन्दर नंदा नूर की रचनाएँ
और कब तक चुप रहें (ग़ज़ल) ज़ुल्म है अब हद से बाहर, और कब तक चुप रहें सामने है ख़ूनी मंज़र , और कब तक… Read More »कुमार अनिल की रचनाएँ
गुफ़ा शुरू होता है यहाँ से भय और अँधेरा भय और अँधेरे को भेदने की इच्छा भी शुरू होती है यहीं से। (1987 में रचित)… Read More »कुमार अंबुज की रचनाएँ
आज हमारी छुट्टी है रविवार का प्यारा दिन है, आज हमारी छुट्टी है । उठ जायेंगे क्या जल्दी है, नींद तो पूरी करने दो ।… Read More »श्याम सुन्दर अग्रवाल की रचनाएँ
कंथा-मणि (कविता) उस दिन संध्या को दृष्टि अभिसार द्वारा मैंने पहचाना तुम्हें पुनः पुनः मैंने पुकारा तुम्हें मन ही मन बार बार! अपनी ही सांत्वना… Read More »कुबेरनाथ राय की रचनाएँ