काल थे खुद
आ गूंग थांरी
फोड़ा घालसी
कदैई थांनै ई
मिनख नै मार-मार
मोदीजो भलांई मन में
पण
काल थे खुद
सोध-सोध हार जावोला
लाधैला नीं
मिनख रो जायो
कठैई थांनै !
थारै च्यारूंमेर
उछाळा मारै जिको हरख रो समंदर
देखतां-ई-देखतां
सूक जावैला आ कोनी मानो थे आज
पण परतख देखतां
काल थे खुद झुरोला
आं ई मिनखां खातर !
थारै हुवण री
पगां हेठै धरती है
माथै ऊपर आभो
च्यारूंमेर खुली हवा
हवा में
थारै हुवण री सोरम
कठैई आवूं-जावूं
म्हारै सागै थे
अबै म्हनै डर किण बात रो !
स्याणा लोगां सुणो
बै आवै
गूंगां नै टाळै
तिलक करै
पीठ थपथपावै
उणारी गूंग नै जगावै
बिड़दावै
गूंगा नै गोळी रा गुण बतावै
अष्टपौर अभ्यास करावै
सात खून माफ री छूट देय र
सड़का माथै खुला छोड देवै
थोड़ी ताल पछै सुणीजै
पग-पग धमाका
दुनिया रा
स्याण लोगां सुणो-
थांनै
अर थांरी अक्कल नै
खुणियां तांई सिलाम !
भगवान रौ रूप
अेक सुपनो हुवै टाबर री आंख में
भायलां सागै
रमतो-रमतो बणावै बो
रेत रौ घर
खुद बणावै
खुद ई मिटावै
साची ई मिटावै
साची कैवे मां-
टाबर भगवान रौ रूप हुवै।
जद हरी करै
बूढै बैसाख
अर
बाळणजोगै जेठ री बाथा में
बळी-तपी
हरी हूवण री हूंस दाब्यां
सूती धरती
अंग-अंग भीजै
बा रीझै
मुळकै-गावै
जद हरी करै सावण !