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‘ज़फ़र’ इक़बाल

जयप्रकाश मानस की रचनाएँ

कोई नहीं है बैठे-ठाले  » कोई नहीं है बैठे-ठालेकीड़े भी सड़े-गले पत्तों को चर रहे हैं कुछ कोसा बुन रहे हैं केचुएँ आषाढ़ आने से… Read More »जयप्रकाश मानस की रचनाएँ

‘ज़फ़र’ इक़बाल की रचनाएँ

अभी आखें खुली हैं और क्या क्या अभी आखें खुली हैं और क्या क्या देखने को मुझे पागल किया उस ने तमाशा देखने को वो… Read More »‘ज़फ़र’ इक़बाल की रचनाएँ