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‘वामिक़’ जौनपुरी

‘वामिक़’ जौनपुरी की रचनाएँ

अभी तो हौसला-ए-कारोबार बाक़ी है अभी तो हौसला-ए-कारोबार बाक़ी है ये कम कि आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहार बाक़ी है अभी तो शहर के खण्डरों में झाँकना है मुझे… Read More »‘वामिक़’ जौनपुरी की रचनाएँ