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सरवत ज़ोहरा

सरवत ज़ोहरा की रचनाएँ

बे-तहाशा उसे सोचा जाए बे-तहाशा उसे सोचा जाए ज़ख़्म को और कुरेदा जाए जाने वाले को चले जाना है फिर भी रस्मन ही पुकारा जाए… Read More »सरवत ज़ोहरा की रचनाएँ