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इक़बाल सुहैल

इक़बाल सुहैल की रचनाएँ

अब दिल को हम ने बंदा-ए-जानाँ बना दिया  अब दिल को हम ने बंदा-ए-जानाँ बना दियाइक काफ़िर-ए-अज़ल को मुसलमाँ बना दिया दुश्वारियों को इश्क़ ने… Read More »इक़बाल सुहैल की रचनाएँ