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राजश्री गौड़

राजश्री गौड़ की रचनाएँ

तुम्हारे दर से उठेंगे तो फिर तुम्हारे दर से उठेंगे तो फिर कहाँ होंगे, ज़मीं की गोद में सोया इक आसमाँ होंगे। चला करेगी ये… Read More »राजश्री गौड़ की रचनाएँ