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फ़ारिग बुख़ारी

फ़ारिग बुख़ारी की रचनाएँ

देख कर उस हसीन पैकर को देख कर उस हसीन पैकर को नश्शा सा आ गया समुंदर को डोलती डगमगाती सी नाव पी गई आ… Read More »फ़ारिग बुख़ारी की रचनाएँ