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ममता व्यास

ममता व्यास की रचनाएँ

शब्दवती मैंने जाना शब्द कैसे पनपते हैं भीतर तुम मुझे शब्दवती करते थे हर बार मन की कोख हरी होती थी बार-बार ऐसे मैं शब्दवती… Read More »ममता व्यास की रचनाएँ