अबरार आज़मी की रचनाएँ
एहसास लम्हात का हयूला कुछ भूलने लगा था आवाज़ का सरापा कुछ ऊँघने लगा था सन्नाटा पा-शिकस्ता कुछ बोलने लगा था वहश्त-ज़दा सा कमरा कुछ… Read More »अबरार आज़मी की रचनाएँ
एहसास लम्हात का हयूला कुछ भूलने लगा था आवाज़ का सरापा कुछ ऊँघने लगा था सन्नाटा पा-शिकस्ता कुछ बोलने लगा था वहश्त-ज़दा सा कमरा कुछ… Read More »अबरार आज़मी की रचनाएँ