आनंद नारायण मुल्ला की रचनाएँ
निगाहों दिल का अफसाना निगाहों दिल का अफ़साना करीब-ए-इख्तिताम आया । हमें अब इससे क्या आया शहर या वक्त-ए-शाम आया ।। ज़बान-ए-इश्क़ पर एक चीख़… Read More »आनंद नारायण मुल्ला की रचनाएँ
निगाहों दिल का अफसाना निगाहों दिल का अफ़साना करीब-ए-इख्तिताम आया । हमें अब इससे क्या आया शहर या वक्त-ए-शाम आया ।। ज़बान-ए-इश्क़ पर एक चीख़… Read More »आनंद नारायण मुल्ला की रचनाएँ