आज भड़की रग-ए-वहशत तिरे दीवानों की आज भड़की रग-ए-वहशत तिरे दीवानों की क़िस्मतें जागने वाली हैं बयाबानों की फिर घटाओं…
ये दुनिया है यहां असली कहानी पुश्त पर रखना ये दुनिया है यहां असली कहानी पुश्त पर रखना लबों पर…
बहाना ढूंढ ही लेता है, खूँ बहाने का बहाना ढूंढ ही लेता है खूँ बहाने का, है शौक कितना उसे…
अक़्ल पहुँची जो रिवायात के काशाने तक अक़्ल पहुँची जो रिवायात के काशाने तक एक ही रस्म मिल काबा से…
जे छलै अभिशप्त मानव जे छलै अभिशप्त मानव वैह एखन अछि लड़ि रहल श्वेदकण सँ सीचिंके ओ पेट सबहक भरि…
कैफ़-ए-सुरूर-ओ-सोज़ के क़ाबिल नहीं रहा कैफ़-ए-सुरूर-ओ-सोज़ के क़ाबिल नहीं रहा ये और दिल है अब वो मिरा दिल नहीं रहा…
मरहम तुम छूते हो दुखता है लगाते हो जब मरहम घाव पर मेरे मुझे तुम्हारी पहचान नहीं पर मेरे घावों…
ये वही हैं समरसता की रामनामी ओढ़कर वे फिर आ गये हैं अब तुम्हें ही तय करना है कि ये…
कौन है दलित कौन है दलित? हम में से हर कोई— कहाँ थे हम आज तक? कुचले जाते रहे हैं…
तब तुम्हें कैसा लगेगा? यदि तुम्हें ज्ञान के आलोक से दूर अनपढ़-मूर्ख बनाकर रखा जाए, धन-सम्पति से कर दिया जाए-…