ओमप्रकाश कृत्यांश की रचनाएँ
रघुपत बाबू को गालियों से गोदता है गेहूँ का बोझ उठाये गनेसी ज़रा रूककर देखता है मेंड़ पर बैठे रघुपत बाबू की निगाह निगाह, जो… Read More »ओमप्रकाश कृत्यांश की रचनाएँ
रघुपत बाबू को गालियों से गोदता है गेहूँ का बोझ उठाये गनेसी ज़रा रूककर देखता है मेंड़ पर बैठे रघुपत बाबू की निगाह निगाह, जो… Read More »ओमप्रकाश कृत्यांश की रचनाएँ