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घासीराम

कारे कजरारे सटकारे घुँघवारे प्यारे  कारे कजरारे सटकारे घुँघवारे प्यारे , मणि फणि वारे भोर फबन लौँ ऊटे हैँ । बासे हैँ फुलेल ते नरम… Read More »घासीराम

घनानंद की रचनाएँ

वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै वहै मुसक्यानि, वहै मृदु बतरानि, वहै लड़कीली बानि आनि उर मैं अरति है। वहै गति लैन औ बजावनि ललित… Read More »घनानंद की रचनाएँ

घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ

तुम असीम रूप तुम्हारा, गंध तुम्हारी, मेरा तो बस स्पर्श मात्र है लक्ष्य तुम्हारा, प्राप्ति तुम्हारी, मेरा तो संघर्ष मात्र है तुम असीम, मैं क्षुद्र… Read More »घनश्याम चन्द्र गुप्त की रचनाएँ

घनश्याम कुमार ‘देवांश’की रचनाएँ

इन पहाड़ों पर….-1 तवांग के ख़ूबसूरत पहाड़ों से उपजते हुए… सामने पहाड़ दिनभर बादलों के तकिए पर सर रखे ऊँघते हैं और सूरज रखता है… Read More »घनश्याम कुमार ‘देवांश’की रचनाएँ

घमंडीलाल अग्रवाल की रचनाएँ

कहो मम्मी, कहो पापा कहाँ घूमें, किधर जाएँ- कहो मम्मी, कहो पापा। सुधाकर मुसकराता है, इशारे से बुलाता है, लिए है हाथ में पैसे- मिठाई… Read More »घमंडीलाल अग्रवाल की रचनाएँ