आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय आगे गाय पाछें गाय इत गाय उत गाय, गोविंद को गायन में…
वेदना वेदना तुम पास आकर इस हृदय का बल बनो अश्रु अंतस में हैं ठहरे दे रहे हैं घाव गहरे…
. गुलाबो सिताबो फिर एक दिनकुछ यूँ बदली किस्मत कठपुतलियों की..गुलाबो ने सिताबो की आँखों में देखासिताबो ने कस कर…
तारे भये कारे तेरे नैन रतनारे भये तारे भये कारे तेरे नैन रतनारे भये , मोती भये सीरे तू न…
जय, देवि, दुर्गे, दनुज गंजनि जय, देवि, दुर्गे, दनुज गंजनि, भक्त-जन-भव-भार-भंजनि, अरुण गति अति नैन खंजनि, जय निरंजनि हे। जय,…
माँ माँतुम्हें पढ़करतुम्हारी उँगली की धर कलमगढ़ना चाहता हूँतुम सी ही कोई कृति तुम्हारे हृदय के विराट विस्तार मेंपसरकर सोचता…