जमील मज़हरी की रचनाएँ
तोल अपने को तोल देख के कर्रोफ़र दौलत की तेरा जी ललचाय सूँघ के मुश्की ज़ुल्फ़ों की बू नींद-सी तुझ को आए जैसे बे-लंगर की… Read More »जमील मज़हरी की रचनाएँ
तोल अपने को तोल देख के कर्रोफ़र दौलत की तेरा जी ललचाय सूँघ के मुश्की ज़ुल्फ़ों की बू नींद-सी तुझ को आए जैसे बे-लंगर की… Read More »जमील मज़हरी की रचनाएँ