‘ज़हीर’ देहलवी की रचनाएँ
ऐ मेहर-बाँ है गर यही सूरत निबाह की ऐ मेहर-बाँ है गर यही सूरत निबाह की बाज़ आए दिल लगाने से तौबा गुनाह की उल्टे… Read More »‘ज़हीर’ देहलवी की रचनाएँ
ऐ मेहर-बाँ है गर यही सूरत निबाह की ऐ मेहर-बाँ है गर यही सूरत निबाह की बाज़ आए दिल लगाने से तौबा गुनाह की उल्टे… Read More »‘ज़हीर’ देहलवी की रचनाएँ