मंजुश्री गुप्ता की रचनाएँ
आत्मदीप काली अंधियारी रात भयंकर झंझावात ! वर्ष घनघोर प्रलयंकर पूछती हूँ प्रश्न मैं घबराकर है छुपा कहाँ आशा दिनकर? मन ही कहता क्यूँ भटके तू… Read More »मंजुश्री गुप्ता की रचनाएँ
आत्मदीप काली अंधियारी रात भयंकर झंझावात ! वर्ष घनघोर प्रलयंकर पूछती हूँ प्रश्न मैं घबराकर है छुपा कहाँ आशा दिनकर? मन ही कहता क्यूँ भटके तू… Read More »मंजुश्री गुप्ता की रचनाएँ