मधु संधु की रचनाएँ
मेरी उम्र सिर्फ उतनी है मेरी उम्र सिर्फ़ उतनी है जितनी तुम्हारे साथ बिताई थी तब जब तुम आज़ाद थे शहज़ादा सलीम थे मजनूँ फ़रहाद… Read More »मधु संधु की रचनाएँ
मेरी उम्र सिर्फ उतनी है मेरी उम्र सिर्फ़ उतनी है जितनी तुम्हारे साथ बिताई थी तब जब तुम आज़ाद थे शहज़ादा सलीम थे मजनूँ फ़रहाद… Read More »मधु संधु की रचनाएँ