रमेश गौड़ की रचनाएँ
तेरे बिन जैसे सूखा ताल बचा रहे या कुछ कंकड़ या कुछ काई जैसे धूल भरे मेले में चलने लगे साथ तन्हाई, तेरे बिन मेरे… Read More »रमेश गौड़ की रचनाएँ
तेरे बिन जैसे सूखा ताल बचा रहे या कुछ कंकड़ या कुछ काई जैसे धूल भरे मेले में चलने लगे साथ तन्हाई, तेरे बिन मेरे… Read More »रमेश गौड़ की रचनाएँ