बगावत की कोई उम्र नहीं होती जब डूबते सूरज को मैंने पर्वत चोटियों को चूमते देखा जब बाग़ के सबसे…
मेरा तकिया छीन लिया गया न मिले किसी रोज इस्तरी की गई धुली कमीज देह जैसे रूठने लगती है ना-नुकुर…
आँधी रात वह हवा चली जिसे आँधी कहते हैं उसने कुछ दरवाजे भड़भड़ाए कुछ खिड़कियाँ झकझोरीं, कुछ पेड़ गिराए कुछ…
तुम्हारे प्रेम में गणित था–1 वह जो प्रेम था शतरंज की बिसात की तरह बिछा हुआ हमारे बीच तुमने चले…
पकी पकी फ़सल पकी पकी फसल लहराए ओढ़े पीली सरसों की चुनरिया तेरे खेत में मक्का-बाजरा, मेरे, गेहूँ की बालियाँ…
देशभक्त दिन दहाड़े जिसकी हत्या हुई जिसने हत्या की। जिसका नाम इतिहास की पुस्तक में है जिसका हटाया गया जिसने…
देखो, हर ओर उल्लास है 1 पत्ता पत्ते से फूल फूल से क्या कह रहा है मैं तुम्हारी और तुम…
हमारे माँ-बाप / समझदार किसिम के लोग चाहते हो मायूस होना ? क्यों चाहते हो ? किसलिए चाहते हो ? किसके लिए चाहते…
सज्जन कितना बदल गया है दहकन का अहसास कराता, चंदन कितना बदल गया है मेरा चेहरा मुझे डराता, दरपन कितना…
मोची की व्यथा फटे जूते सी ज़िन्दगी सीने के लिए चमड़ा काटता है वह किसी की जेब या गला नहीं…