विश्वनाथ प्रताप सिंह की रचनाएँ
मुफ़लिस मुफ़लिस से अब चोर बन रहा हूँ मैं पर इस भरे बाज़ार से चुराऊँ क्या यहाँ वही चीजें सजी हैं जिन्हे लुटाकर मैं मुफ़लिस… Read More »विश्वनाथ प्रताप सिंह की रचनाएँ
मुफ़लिस मुफ़लिस से अब चोर बन रहा हूँ मैं पर इस भरे बाज़ार से चुराऊँ क्या यहाँ वही चीजें सजी हैं जिन्हे लुटाकर मैं मुफ़लिस… Read More »विश्वनाथ प्रताप सिंह की रचनाएँ