सफ़िया शमीम की रचनाएँ
शम-ए-उम्मीद जला बैठे थे वो हसरत-ए-बहार न तूफ़ान-ए-ज़िंदगी आता है फिर रूलाने का अब्र बहार क्यूँ आलाम-ओ-ग़म की तुंद हवादिस के वास्ते इतना लतीफ़ दिल… Read More »सफ़िया शमीम की रचनाएँ
शम-ए-उम्मीद जला बैठे थे वो हसरत-ए-बहार न तूफ़ान-ए-ज़िंदगी आता है फिर रूलाने का अब्र बहार क्यूँ आलाम-ओ-ग़म की तुंद हवादिस के वास्ते इतना लतीफ़ दिल… Read More »सफ़िया शमीम की रचनाएँ