सफ़ी लखनवी की रचनाएँ
तालिबे-दीद पर आँच आये यह मंज़ूर नहीं तालिबे-दीद पर आँच आए यह मंज़ूर नहीं। दिल में है वरना वो बिजली जो सरे-तूर नहीं॥ दिल से… Read More »सफ़ी लखनवी की रचनाएँ
तालिबे-दीद पर आँच आये यह मंज़ूर नहीं तालिबे-दीद पर आँच आए यह मंज़ूर नहीं। दिल में है वरना वो बिजली जो सरे-तूर नहीं॥ दिल से… Read More »सफ़ी लखनवी की रचनाएँ