‘अना’ क़ासमी की रचनाएँ
बाजुओ पर दिये परवाजे़ अना दी है मुझे बाजुओं-पर दिये परवाजे़ ‘अना दी है मुझे फिर ख़लाओं में नयी राह दिखा दी है मुझ अपनी… Read More »‘अना’ क़ासमी की रचनाएँ
बाजुओ पर दिये परवाजे़ अना दी है मुझे बाजुओं-पर दिये परवाजे़ ‘अना दी है मुझे फिर ख़लाओं में नयी राह दिखा दी है मुझ अपनी… Read More »‘अना’ क़ासमी की रचनाएँ