अल्ताफ़ हुसैन हाली की रचनाएँ
धूम है अपनी पारसाई की धूम थी अपनी पारसाई कीकी भी और किससे आश्नाई की क्यों बढ़ाते हो इख़्तलात बहुतहमको ताक़त नहीं जुदाई की मुँह… Read More »अल्ताफ़ हुसैन हाली की रचनाएँ
धूम है अपनी पारसाई की धूम थी अपनी पारसाई कीकी भी और किससे आश्नाई की क्यों बढ़ाते हो इख़्तलात बहुतहमको ताक़त नहीं जुदाई की मुँह… Read More »अल्ताफ़ हुसैन हाली की रचनाएँ