अहमद रिज़वान की रचनाएँ
आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता हैरत बनाने वाले की हैरत को देखता होता न कोई कार-ए-ज़माना… Read More »अहमद रिज़वान की रचनाएँ
आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता आँखें बनाता दश्त की वुसअत को देखता हैरत बनाने वाले की हैरत को देखता होता न कोई कार-ए-ज़माना… Read More »अहमद रिज़वान की रचनाएँ