आनंद गुप्ता की रचनाएँ
तुम लौट आना तुम लौट आना जैसे किसी स्त्री के गर्भ में लौटता है नया जीवन जैसे लौट आती है आवाजें चट्टानों से टकराकर हर… Read More »आनंद गुप्ता की रचनाएँ
तुम लौट आना तुम लौट आना जैसे किसी स्त्री के गर्भ में लौटता है नया जीवन जैसे लौट आती है आवाजें चट्टानों से टकराकर हर… Read More »आनंद गुप्ता की रचनाएँ