कण्हपा की रचनाएँ
एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए। महुअर रुएँ सुरत्प्रवीर जिंघइ म अरंदए॥ जिमि लोण बिलज्जइ पणिएहि तिमि घरणी लइ चित्त। समरस… Read More »कण्हपा की रचनाएँ
एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए एवंकार बीअ लहइ कुसुमिअउ अरविंदए। महुअर रुएँ सुरत्प्रवीर जिंघइ म अरंदए॥ जिमि लोण बिलज्जइ पणिएहि तिमि घरणी लइ चित्त। समरस… Read More »कण्हपा की रचनाएँ