‘जिगर’ बरेलवी की रचनाएँ
आह हम हैं और शिकस्ता-पाइयाँ आह हम हैं और शिकस्ता-पाइयाँ अब कहाँ वो बादिया-पैमाइयाँ जोश-ए-तूफाँ है न मौंजों का ख़रोश अब लिए है गोद में… Read More »‘जिगर’ बरेलवी की रचनाएँ
आह हम हैं और शिकस्ता-पाइयाँ आह हम हैं और शिकस्ता-पाइयाँ अब कहाँ वो बादिया-पैमाइयाँ जोश-ए-तूफाँ है न मौंजों का ख़रोश अब लिए है गोद में… Read More »‘जिगर’ बरेलवी की रचनाएँ