जुगलप्रिया की रचनाएँ
मन तुम मलिनता तजि देहु मन तुम मलिनता तजि देहु। सरन गहु गोविंद की अब करत कासो नेहु॥ कौन अपने आप काके परे माया सेहु।… Read More »जुगलप्रिया की रचनाएँ
मन तुम मलिनता तजि देहु मन तुम मलिनता तजि देहु। सरन गहु गोविंद की अब करत कासो नेहु॥ कौन अपने आप काके परे माया सेहु।… Read More »जुगलप्रिया की रचनाएँ