Skip to content

त्र

त्रिलोचन की रचनाएँ

यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने यूँ ही कुछ मुस्काकर तुमने परिचय की वो गाँठ लगा दी ! था पथ पर मैं भूला-भूला फूल उपेक्षित कोई फूला… Read More »त्रिलोचन की रचनाएँ

त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ

ऐसा वर दो  भगवन् हमको ऐसा वर दो। जग के सारे सद्गुण भर दो॥ हम फूलों जैसे मुस्कायें, सब पर प्रेम ­ सुगंध लुटायें, हम… Read More »त्रिलोक सिंह ठकुरेला की रचनाएँ

त्रिलोकचन्‍द महरूम की रचनाएँ

जय हिन्‍द पैदा उफ़क़े –हिन्‍द से हैं सुबह के आसार है मंज़िले-आखिर में ग़ुलामी की शबे-तार आमद सहरे-नौ की मुबारक हो वतन को पामाले –… Read More »त्रिलोकचन्‍द महरूम की रचनाएँ

त्रिलोक महावर की रचनाएँ

बस्ता बस्ता बहुत भारी था ढोते-ढोते एक महीने में बेटी का वज़न घट गया इंग्लिश स्कूल के स्टैंडर्ड फर्स्ट में पढ़ते-पढ़ते दो बार लगाई गई… Read More »त्रिलोक महावर की रचनाएँ

त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ

विदेशी वस्त्र सितमगर की हस्ती मिटानी पड़ेगी, हमें अपनी करके दिखानी पड़ेगी। कभी उफ़ न लाएंगे अपनी जुबां पर, मुसीबत सभी कुछ उठानी पड़ेगी। बहुत… Read More »त्रिभुवन नाथ आज़ाद ‘सैनिक’ की रचनाएँ

त्रिभवन कौल की रचनाएँ

बेचारा आम आदमी गाँधी जी के तीन बंदरतीनो मेरे अन्दरकुलबुलाते हैंबुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहोपर देखता हूँ, सुनता हूँ, कहता हूँI… Read More »त्रिभवन कौल की रचनाएँ

त्रिपुरारि कुमार शर्मा की रचनाएँ

आज़ादी जुबां तुम काट लो या फिर लगा दो होंठ पर ताले मिरी आवाज़ पर कोई भी पहरा हो नहीं सकता मुझे तुम बन्द कर… Read More »त्रिपुरारि कुमार शर्मा की रचनाएँ

त्रिनेत्र जोशी की रचनाएँ

गर्मियाँ गुमसुम से इस मौसम में जब नहीं आती हवाएँ सूखे होंठों वाली पत्तियाँ बार-बार चोंचें खोलती चिड़ियाएँ हरियाली पर लगी फफूँद कोई भी नहीं… Read More »त्रिनेत्र जोशी की रचनाएँ

त्रिजुगी कौशिक की रचनाएँ

मुनगे का पेड़  घर की बाड़ी में मुनगे क एक पेड़ है वह गाहे-बगाहे की साग प्रसूता के लिए तो पकवान है मकान बनाने के… Read More »त्रिजुगी कौशिक की रचनाएँ