तिलोक चंद ‘महरूम’की रचनाएँ
दस्त-ए-ख़िरद से पर्दा-कुशाई न हो सकी दस्त-ए-ख़िरद से पर्दा-कुशाई न हो सकी हुस्न-ए-अज़ल की जलवा-नुमाई न हो सकी रंग-ए-बहार दे न सके ख़ार-ज़ार को दस्त-ए-जुनूँ… Read More »तिलोक चंद ‘महरूम’की रचनाएँ
दस्त-ए-ख़िरद से पर्दा-कुशाई न हो सकी दस्त-ए-ख़िरद से पर्दा-कुशाई न हो सकी हुस्न-ए-अज़ल की जलवा-नुमाई न हो सकी रंग-ए-बहार दे न सके ख़ार-ज़ार को दस्त-ए-जुनूँ… Read More »तिलोक चंद ‘महरूम’की रचनाएँ