‘फ़य्याज़’ फ़ारुक़ी की रचनाएँ
जुगनू हवा में ले कि उजाले निकल पड़े जुगनू हवा में ले कि उजाले निकल पड़े यूँ तीरगी से लड़ने जियाले निकल पड़े सच… Read More »‘फ़य्याज़’ फ़ारुक़ी की रचनाएँ
जुगनू हवा में ले कि उजाले निकल पड़े जुगनू हवा में ले कि उजाले निकल पड़े यूँ तीरगी से लड़ने जियाले निकल पड़े सच… Read More »‘फ़य्याज़’ फ़ारुक़ी की रचनाएँ