बनज कुमार ‘बनज’की रचनाएँ
दोहे रहे शारदा शीश पर, दे मुझको वरदान। गीत, गजल, दोहे लिखूँ, मधुर सुनाऊँ गान। हंस सवारी हाथ में, वीणा की झंकार, वर दे माँ… Read More »बनज कुमार ‘बनज’की रचनाएँ
दोहे रहे शारदा शीश पर, दे मुझको वरदान। गीत, गजल, दोहे लिखूँ, मधुर सुनाऊँ गान। हंस सवारी हाथ में, वीणा की झंकार, वर दे माँ… Read More »बनज कुमार ‘बनज’की रचनाएँ