भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ
रोअहूं सब मिलिकै रोअहू सब मिलिकै आवहु भारत भाई। हा हा! भारतदुर्दशा न देखी जाई॥ धु्रव॥ सबके पहिले जेहि ईश्वर धन बल दीनो। सबके पहिले… Read More »भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ
रोअहूं सब मिलिकै रोअहू सब मिलिकै आवहु भारत भाई। हा हा! भारतदुर्दशा न देखी जाई॥ धु्रव॥ सबके पहिले जेहि ईश्वर धन बल दीनो। सबके पहिले… Read More »भारतेंदु हरिश्चंद्र की रचनाएँ