मल्लिका मुखर्जी की रचनाएँ
माँ धूप कड़ी सहकर भी माँ तुम, कभी न हारी यौवन में, धरम तुम्हारा खूब निभाया, तुमने अपने जीवन में ! सहम रही ममता पलकों में,… Read More »मल्लिका मुखर्जी की रचनाएँ
माँ धूप कड़ी सहकर भी माँ तुम, कभी न हारी यौवन में, धरम तुम्हारा खूब निभाया, तुमने अपने जीवन में ! सहम रही ममता पलकों में,… Read More »मल्लिका मुखर्जी की रचनाएँ