‘महशर’ इनायती की रचनाएँ
आँख में आँसू गुम औसान आँख में आँसू गुम औसान इश्क़़ के मारो की पहचान इक अपने चुप रहने से सारी नगरी क्यूँ सुनसान ऐ… Read More »‘महशर’ इनायती की रचनाएँ
आँख में आँसू गुम औसान आँख में आँसू गुम औसान इश्क़़ के मारो की पहचान इक अपने चुप रहने से सारी नगरी क्यूँ सुनसान ऐ… Read More »‘महशर’ इनायती की रचनाएँ