महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’ की रचनाएँ
आ रहे हैं मुझको समझाने बहुत आ रहे हैं मुझको समझाने बहुत अक़्ल वाले कम हैं दीवाने बहुत साक़िया हम को मुरव्वत चाहिए शहर में… Read More »महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’ की रचनाएँ
आ रहे हैं मुझको समझाने बहुत आ रहे हैं मुझको समझाने बहुत अक़्ल वाले कम हैं दीवाने बहुत साक़िया हम को मुरव्वत चाहिए शहर में… Read More »महेन्द्र सिंह बेदी ‘सहर’ की रचनाएँ