रत्नप्रकाश शील की रचनाएँ
अक्कड़-बक्कड़ अक्कड़-बक्कड़, लाल बुझक्कड़! कितना पानी बीच समंदर, कितना पानी धरती अंदर! आसमान में कितने तारे, वन में पत्ते कितने सारे। दाएँ बाएँ देखें अक्कड़,… Read More »रत्नप्रकाश शील की रचनाएँ
अक्कड़-बक्कड़ अक्कड़-बक्कड़, लाल बुझक्कड़! कितना पानी बीच समंदर, कितना पानी धरती अंदर! आसमान में कितने तारे, वन में पत्ते कितने सारे। दाएँ बाएँ देखें अक्कड़,… Read More »रत्नप्रकाश शील की रचनाएँ