राजेन्द्र वर्मा की रचनाएँ
जिजीविषा पगली कब तक जियें ज़िन्दगी जैसे दूब दबी-कुचली । युगों-युगों से छलता आया हमको समय छली ।। जिसे देखिए, वही रौंदकर हमको चला गया… Read More »राजेन्द्र वर्मा की रचनाएँ
जिजीविषा पगली कब तक जियें ज़िन्दगी जैसे दूब दबी-कुचली । युगों-युगों से छलता आया हमको समय छली ।। जिसे देखिए, वही रौंदकर हमको चला गया… Read More »राजेन्द्र वर्मा की रचनाएँ