रामसिंहासन सहाय ‘मधुर’की रचनाएँ
अम्माँ, मुझे उड़ाओ अम्माँ, आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूँगा! इस पर चढ़कर ऊपर बढ़कर आसमान को मैं छू लूँगा! झूला झूल… Read More »रामसिंहासन सहाय ‘मधुर’की रचनाएँ
अम्माँ, मुझे उड़ाओ अम्माँ, आज लगा दे झूला, इस झूले पर मैं झूलूँगा! इस पर चढ़कर ऊपर बढ़कर आसमान को मैं छू लूँगा! झूला झूल… Read More »रामसिंहासन सहाय ‘मधुर’की रचनाएँ