रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ की रचनाएँ
ज़िन्दगी हमारे लिए आज भार हो गई! ज़िन्दगी हमारे, लिए आज भार हो गई! मनुजता की चूनरी, तो तार-तार हो गई!! हादसे सबल हुए हैं… Read More »रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ की रचनाएँ
ज़िन्दगी हमारे लिए आज भार हो गई! ज़िन्दगी हमारे, लिए आज भार हो गई! मनुजता की चूनरी, तो तार-तार हो गई!! हादसे सबल हुए हैं… Read More »रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ की रचनाएँ