‘वहशत’ रज़ा अली कलकत्वी
आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे ये मयस्सर हो तो फिर क्यूँ कोई… Read More »‘वहशत’ रज़ा अली कलकत्वी
आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे आँख में जलवा तिरा दिल में तिरी याद रहे ये मयस्सर हो तो फिर क्यूँ कोई… Read More »‘वहशत’ रज़ा अली कलकत्वी