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विजेन्द्र

विजेन्द्र की रचनाएँ

एक प्रेम कविता  प्यार को भी देखता हूँइन्ही मासूम रंगों मेंतेज़, सुर्ख़, हल्के गुलाबीन हों, न हों, न होंधूप में तपे चेहरे की तरहदेखता हूँ… Read More »विजेन्द्र की रचनाएँ